नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति,रत्नागिरी का गठन एवं परिचय
- गठन – भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के पत्रांक: क्षे.का.का/उनी(का)/198, दिनांक 20/04/2004 के द्वारा समिति गठन की अनुमति प्रदान की गई और समिति के संयोजन का दायित्व बैंक ऑफ इंडिया, रत्नागिरी अंचल को प्रदान दिया गया ।
- बैंक ऑफ इंडिया, रत्नागिरी अंचल के आंचलिक प्रबंधक श्री अनुप कुमार जलोटा के अध्यक्षता में समिति की पहली बैठक दिनांक 27.04.2004 को संपन्न हुई । तत्पश्चात श्री ए. पी. घुगल, श्री एस. वी. गोखले, श्री पी.डी. उपाध्ये, श्री वी. बी वारंग, श्री वि. वि. बुचे, श्री प्रदीप कांबले, श्री बी.वी.एस. अच्युत राव तथा श्री अतुल सातपुते ने समिति अध्यक्ष के रूप में कार्य किया । वर्तमान में समिति अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी श्री केशव कुमार सँभाल रहे है ।
- भारत सरकार, गृहमंत्रालय, राजभाषा विभाग, क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (पश्चिम) के उप निदेशक श्री आर. एस. रावत, श्री एम. एल. गुप्ता, श्री विनोद कुमार शर्मा एवं डॉ. सुनीता यादव ने कार्य देखा । वतर्मान में डॉ. सुस्मिता भट्टाचार्य कार्यरत हैं।
- समिति की प्रथम बैठक 13 सदस्यों के उपस्थिति के साथ संपन्न हुई थी । वर्तमान में समिति के 28 सदस्य कार्यालय हैं।
वर्ष में समिति की 2 बैठकों का समय पर आयोजन किया जाता है। (केलेंडर वर्ष में छमाही बैठक के माह :- जून माह और नवंबर माह) - सन 2007 से समिति द्वारा अपनी हिंदी पत्रिका ‘राजभाषा रत्नसिंधु’ का छ़माही अंतराल पर नियमित रूप से प्रकाशन किया जा रहा है।
- समिति ने अपनी कोर कमेटी का गठन किया जिसमें 5 सदस्य कार्यालय के स्टाफ सदस्यों को सम्मिलित किया गया है।
- कोर कमेटी समय-समय पर अपने सदस्य कार्यालयों का दौरा करती है और हिंदी के प्रसार हेतु डेस्क प्रशिक्षण देती है तथा सदस्य कार्यालयों को हिंदी के प्रगामी प्रयोग में आने वाली कठिनाइयों को दूर करती है।
- सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में हिंदी में ईमेल भेजने, पीपीटी में प्रयोग तथा यूनिकोड का प्रयोग कर हिंदी में पत्राचार बढ़ाने, यूनिकोड अपलोड करने तथा टंकण सिखाने का कार्य किया जाता है।
- समिति द्वारा हिंदी दिवस तथा हिंदी पखवाड़े का आयोजन किया जाता है।
- समिति द्वारा प्रत्येक छमाही में सदस्य कार्यालयों के स्टाफ सदस्यों के लिए एक संयुक्त हिन्दी कार्यशाला का आयोजन कर रही है।
- सन 2013-14 से सदस्य कार्यालयों के लिए नराकास शील्ड प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। पुरस्कार वितरण छमाही बैठक में किया जाता है। यह पुरस्कार ऐसे कार्यालयों को प्रदान किए जाते हैं जिन्होंने भारत सरकार की राजभाषा नीति को संबंधित वर्ष में श्रेष्ठतर स्तर पर कार्यान्वित किया ।
- समिति गत 2 वर्षों से राजभाषा संगोष्ठी आयोजित करती आ रही है।
नराकास परिचय
गृह मंत्रालय,राजभाषा विभाग के दिनांक 22.11.1976 के का0ज्ञा0 सं0 1/14011/12/76-रा0भा0 (का-।) के अनुसार देश के उन सभी नगरों में जहां केंद्रीय सरकार के 10 या उससे अधिक कार्यालय हों, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों का गठन किया जा सकता है। समिति का गठन राजभाषा विभाग के क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालयों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर भारत सरकार के सचिव (राजभाषा) की अनुमति से किया जाता है।
केंद्रीय सरकार के देश भर में फैले हुए कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि में राजभाषा के प्रगामी प्रयोग को बढावा देने और राजभाषा नीति के कार्यान्वयन के मार्ग में आई कठिनाईयों को दूर करने के लिए एक संयुक्त मंच की आवश्यकता महसूस की गई ताकि जहां मिल बैठकर सभी कार्यालय/उपक्रम/बैंक आदि चर्चा कर सकें। फलत: नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों के गठन का निर्णय लिया गया। इन समितियों के गठन का प्रमुख उद्देश्य केंद्रीय सरकार के कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि में राजभाषा नीति के कार्यान्वयन की समीक्षा करना, इसे बढावा देना और इसके मार्ग में आई कठिनाईयों को दूर करना है।
इन समितियों की अध्यक्षता नगर विशेष में स्थित केंद्रीय सरकार के कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि के वरिष्ठतम अधिकारियों में से किसी एक के द्वारा की जाती है। अध्यक्ष को राजभाषा विभाग द्वारा नामित किया जाता है। नामित किए जाने से पूर्व प्रस्तावित अध्यक्ष से समिति की अध्यक्षता के संबंध में लिखित सहमति प्राप्त की जाती है।
नगर में स्थित केंद्रीय सरकार के कार्यालय/उपक्रम/बैंक आदि अनिवार्य रूप से इस समिति के सदस्य होते हैं। उनके वरिष्ठतम अधिकारियों (प्रशासनिक प्रधानों) से यह अपेक्षा की जाती है कि समिति की बैठकों में नियमित रूप से भाग लें।
समिति के सचिवालय के संचालन के लिए समिति के अध्यक्ष द्वारा अपने कार्यालय से अथवा किसी सदस्य कार्यालय से एक हिंदी विशेषज्ञ को उसकी सहमति से समिति का सदस्य सचिव मनोनीत किया जाता है। अध्यक्ष की अनुमति से समिति के कार्यकलाप सदस्य सचिव द्वारा किए जाते हैं।
इन समितियों की वर्ष में दो बैठकें आयोजित की जाती हैं। प्रत्येक समिति की बैठकें आयोजित करने के माहों के संबंध में भी सूचित किया जाता है और समिति से यह अपेक्ष की जाती है कि वह अपनी बैठकें निर्धारित माहों में ही करने का प्रयास करें।
इन समितियों की बैठकों में नगर विशेष में स्थित केंद्रीय सरकार के कार्यालयों/उपक्रमों/बैंकों आदि के प्रशासनिक प्रधान भाग लेते हैं। राजभाषा विभाग (मुख्यालय) एवं इसके क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालयों के अधिकारी भी इन बैठकों में राजभाषा विभाग का प्रतिनिधित्व करते हैं। नगर स्थित केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद की शाखाओं में से किसी एक प्रतिनिधि एवं हिंदी शिक्षण योजना के किसी एक अधिकारी को भी बैठक में आमंत्रित किया जाता है।